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3= खड़ा हिमालय

3= खड़ा हिमालय

आस तू दिल में लेकर चलना 
फंसना नही नादानी में।
खड़ा हिमालय बता रहा है,
डरो न आंधी पानी में।

आज का दिन है आज में जी ले,
कल को किसने देखा है।
कल को सोच के आज ना जीना
क्यों पड़ना हैरानी में।

इनकी उनकी सुन कर अपने,
लक्ष्य से हरगिज़ न भटकों।
वरना मंजिल नही मिलेगी,
रहोगे आनी जानी में। 

फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_9807
*आधे अधूरे मिसरे प्रतियोगिता हेतु*

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